खुद से ज्यादा किसी की जरूरत नहीं!!

(तर्ज़ = कारण , हसरत = कामना )

इस मयान-ए-दिल की कोई जरूरत नहीं हैं,
और प्यार-ए-तर्ज़ की कोई हसरत नहीं हैं।
फिर भी एक ही हिदायत को साथ रखता हूं,
की दुनिया में खुदके अलावा
किसी और की, खुद से ज्यादा जरूरत नहीं हैं।।

Comments

Popular Posts