मुझे बख़्श दिया कर !!

दुखती है आंखें, दुखता है सर !
अब तो बेशरम थोड़ा सा शर्म कर।
कम से कम मेरे सामने बैठ कर,
मेरे रक़ीब से तो बात मत किया कर।
कम है क्या इतना तड़पाना,
कभी तो खुदा के वास्ते मुझे बख़्श दिया कर।।

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