मेरा चांद मेरे सामने है।

मेरा चांद,
मेरे सामने है।
नज़रें ऊपर क्या करूं,
आरे मेरा मंजर,
मेरे सामने है।
लोगों के मुंह से सुनता हूं,
की पृथ्वी का एक ही चांद है।
आरे वो ग़लत कहते है,
शायद उन्हें मालूम नहीं कि,
एक ऊपर है तो दूसरा
मेरे सामने है।।

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